उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर मे कुसुम अपनी सहेली के यहाँ शादी समारोह मे गई हुई थी तो वहाँ ढेर सारी सहेलियाँ मिलीं । एक जगह जब सारे दोस्त या सहेलियाँ एकट्ठी हो जाती हैं तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है । ऐसे ही मज़ाक मे सहेलियों ने कुसुम के हाथों मे मेहंदी लगा दी । दुल्हन के लग रही हल्दी के साथ साथ सहेलियों ने एक दूसरे के गालों पर हल्दी लगा दी । शादी से घर लौट कर आई कुसुम पर उसके पिता की नजर पढ़ी तो हालात बेकाबू हो गए । कुसुम के पिता जी को लगा की उसने love marriage की है । उसके बाद उसने बेटी से बिना कुछ कहे सुने उसका गला दबाकर हत्या कर दी । हत्या करने के बाद उसने अपने बेटे का सहारा लेकर शव को झंडियों मे फेंक दिया ।
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father committed murder of his daughter. |
पुलिस को जब शव मिलने के बाद उसकी शिनाख्त करना बहुत मुश्किल हो गया था । पुलिस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और शव के अंतिम संस्कार तक शव किसका है ये पता नहीं चल सका ।
अचानक दिल्ली से आई अज्ञात कॉल से पुलिस को शव से जुड़ी कुछ यहां जानकारी मिली पुलिस कुसुम के घर पहुंची और आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हे जेल भेज दिया ।
कहते हैं न शक जानलेवा होता है । कुसुम के पिता जी को बेटी के चाल-चालान पर संदेह था वो बेटी की हर गतिविधि पर नजर रखता था । शक को बीमारी कहें या कोई और नाम दें इस बीमारी से निकलने का कोई रास्ता ही नहीं है । एक बार जो इंसान शक के दायरे मे आ जाता है तो वो इंसान उसके लिए बेहद बुरा हो जाया करता है । हम आपसे अपील करते हैं की बेशक आप शक करें लेकिन शक करने की बजाय आप सामने वाले से उस विषय पर खुल के बात कर लें ताकि शक की गुंजाइश ही न रहे ।